Kirana Hills Secrets: पाक की किराना हिल्स का रहस्य? न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन लीक हुआ तो ऐसे बचेगी जान

nuclear radiation leak in Pakistan
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किराना हिल्स को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं। 

पाकिस्तान के पंजाब स्थित सरगोधा के किराना हिल्स में ऐसा क्या छिपा है, जिसे लेकर चर्चा चल रही है कि यह पहाड़ियां बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं।

भारत-पाक में सीजफायर होने के बाद अब पाकिस्तान की किराना हिल्स चर्चा में है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। दावा यह भी है कि इस सीजफायर की वजह किराना हिल्स में छिपा रहस्य है। कुछ बोल रहे हैं कि यहां पर परमाणु बम रखा है, जबकि कुछ दावे हैं कि यहां पर चीन की ओर से दिए गए आधुनिक हथियार रखे हैं, जिनका इस्तेमाल अभी तक नहीं किया गया है। बहरहाल, हम इन दावों की पुष्टि नहीं कर सकते हैं, लेकिन पाक की किराना हिल्स का रहस्य अवश्य उजागर करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि अगर किसी न्यूकिलर प्लांट से रेडिएशन लीक हो तो जान कैसे बचाई जा सकती है।

किराना हिल्स परमाणु हथियारों का ठिकाना?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब स्थित सरगोधा जिले में किराना हिल्स हैं। इस काली और भूरे रंग की पहाड़ियों के चलते इसे स्थानीय लोग काली पहाड़ी भी कहते हैं। पाकिस्तान ने 1980 के दशक में इन किराना पहाड़ियों में अंडरग्रांड टनल्स और बंकर बनाने का काम शुरू किया ताकि यहां परमाणु परीक्षण किया जा सके। 1990 तक पाकिस्तान ने दुनिया की नजर में आए बिना कई परमाणु परीक्षण करने का प्रयास किया। लेकिन, अमेरिका के सैटेलाइट ने इसका पता लगा लिया। अमेरिका ने जब आपत्ति जताई तो पाकिस्तान ने भरोसा दिलाय कि यहां भी भविष्य में परमाणु परीक्षण नहीं होंगे। इसके उपरांत पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण का स्थान बदल लिया, लेकिन किराना पहाड़ियों में परमाणु हथियार रख दिए।

किराना हिल्स पर बमबारी का असर?

किराना हिल्स की ऊंचाई 320 मीटर है। पाकिस्तान ने इन पहाड़ी में 50 से ज्यादा सुरंग और बम प्रुफ बंकर बनाए हैं। सुरंग की दीवारों की मोटाई 5 मीटर तक है, जिसे आरसीसी और स्टील का इस्तेमाल करके बनाया है। मतलब यह कि अगर पहाड़ी के ऊपर बम या मिसाइल गिरती है, तो भी पहाड़ी के भीतर रखे परमाणु हथियारों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। हालांकि भारत ने जब पाक के 11 एयरबेस को नुकसान पहुंचाया तो यह भी अफवाह फैली कि किराना हिल्स पर भी हमला किया गया। भारत ने फोटो के साथ प्रमाण दिया कि सिर्फ एयरबेस को टारगेट किया। इसके बाद भी चर्चा कि रेडिएशन लीक हो रही है।

इस विमान की वजह से चर्चाओं को मिला बल

सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें कथित रूप से Beechcraft B350 AMS पाकिस्तान की वायुसीमा में उड़ता दिखाई दिया। इस विमान को अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी का विमान बताया गया, जो हवाई माप प्रणाली की भूमिका के लिए जाना जाता है। यह विमान न्यूक्लियर रेडिएशन लीक की सूचना देता है। साथ ही, यह भी बता देता है कि रेडिएशन लीक है तो इसका असर कितने क्षेत्र तक होगा।

यह रसायनिक तत्व बचाएगा जान

बोरोन एक काला, भुरभुरा और हल्की आभा वाला रसायनिक तत्व होता है, जिनमें न्यूट्रॉन्स को सोखने यानी अवशोषित करने के गुण होते हैं। यह न्यूक्लियर रिएक्शन को नियंत्रित करने में मदद करता है, साथ ही रेडिएशन से बचाव के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। न्यूक्लियर रिएक्टर्स को ठंडा करने में बोरिक एसिड या बोरोन कार्बाइड का भी इस्तेमाल होता है। यह न्यूक्लियर चेन रिएक्शन को भी धीमा कर देता है जैसे कि जापान के फुकुशिमा डायटी न्यूक्लियर प्लांट हादसे को नियंत्रित करने के लिए बोरिक एसिड या बोरोन कार्बाइड की मदद से न्यूक्लियर चेन रिएक्शन धीमा कर स्थिति पर नियंत्रण पाया था। इसके अलावा भी कई उदाहरण है, जब बोरिक एसिड या बोरोन कार्बाइड ने न्यूक्लियर चेन रिएक्शन पर काबू पाया है।

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