kasuali gangrape case: झूठी गवाही देने के लिए दबाव डालने का आरोप, कथित रेप पीड़िता पर केस

कसौली गैंग रेप केस में नया मोड़ आया है। कथित रेप पीड़ित की दोस्त ने ही उस समेत अमित बिंदल व एक अन्य युवक पर झूठी गवाही देने के लिए दबाव डालने का दिल्ली में केस दर्ज करवाया है। कसौली गैंगरेप केस को कोर्ट खारिज कर चुकी है।

kasuali gangrape case : हिमाचल प्रदेश के चर्चित कसौली गैंगरेप केस में नया मोड़ आ गया है। महिला का आरोप है कि उसे इस केस में झूठी गवाही देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। दिल्ली के वेस्ट पटेल नगर थाने में दर्ज FIR में महिला ने आरोप लगाया है कि केस की कथित पीड़िता, सोनीपत निवासी अमित बिंदल और एक अन्य व्यक्ति उसे और उसके परिवार को बार-बार परेशान कर रहे हैं और झूठी गवाही देने का दबाव डाल रहे हैं। महिला का कहना है कि इन तीनों पर पहले से ही पंचकूला में एक कथित हनी ट्रैप मामले में केस चल रहा है और वे इस वक्त जमानत पर बाहर हैं। कसौली केस में कथित रेप पीड़िता ने दावा किया था कि एफआईआर करवाने वाली महिला उसकी दोस्त थी और उसके साथ कसौली गई थी।

दो बार महिला के घर आकर गवाही का दबाव बनाया

महिला के अनुसार, 25 अप्रैल की शाम लगभग साढ़े 6 बजे कथित पीड़िता एक युवक अभिषेक के साथ उसके घर पहुंची और केस में मदद की मांग की। जब महिला की मां ने इसका विरोध किया और दोनों को घर से जाने को कहा, तब जाकर वे वहां से हटे। इसके तीन दिन बाद, 28 अप्रैल को वही युवक फिर महिला के घर आया। उसने मां से उसका मोबाइल नंबर मांगा और अपना नंबर भी देकर चला गया। महिला ने कहा कि इस दौरान फिर से उसे झूठी गवाही देने के लिए मजबूर किया जाने लगा, लेकिन उसने इनकार कर दिया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि अब उसे और उसके परिवार को बार-बार धमकाया जा रहा है, जिससे वे मानसिक तनाव में हैं। उसने FIR में लिखा है कि यदि इस पूरे प्रकरण में उसे या उसके परिवार को कोई नुकसान होता है तो इसके लिए अमित बिंदल, कथित पीड़िता और अभिषेक जिम्मेदार होंगे।

क्या है कसौली गैंगरेप केस

13 दिसंबर 2024 को हिमाचल प्रदेश के कसौली थाने में हरियाणा के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली और सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ एक महिला ने गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। 14 जनवरी 2025 को इसकी FIR सार्वजनिक हुई थी। हालांकि, 14 मई 2025 को कसौली कोर्ट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यह मामला समाप्त कर दिया। पुलिस के अनुसार, जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिले और पीड़िता द्वारा समन स्वीकार नहीं किए जाने के कारण उसकी गवाही नहीं हो सकी। कोर्ट ने इन परिस्थितियों में केस को बंद करने का फैसला लिया।

कथित रेप पीड़िता ने भी लगाए दबाव डालने के आरोप

इस बीच पीड़िता ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि केस से हटने के लिए उस पर दबाव डाला जा रहा है। उसका कहना है कि उसके पास आरोपियों के खिलाफ वीडियो और ऑडियो सबूत मौजूद हैं। उसने कहा कि उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं और राजनीतिक दबाव के चलते केस कमजोर किया जा रहा है।

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