Delhi Metro: दिल्ली के इस मेट्रो स्टेशन पर बन रहा 'टापू प्लेटफॉर्म, क्या होंगे इसके फायदे?

Delhi Metro: दिल्ली में यमुना बैंक की तरह साकेत जी ब्लॉक में टापू प्लेटफॉर्म वाले स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। साकेत जी ब्लॉक में एक ही एलिवेटेड स्टेशन पर दो मेट्रो कॉरिडोर के चार प्लेटफार्म एक ही जगह एक दूसरे के समांतर बनाए जाएंगे। यह स्टेशन निर्माणाधीन गोल्डन लाइन और फेज चार में स्वीकृत लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक मेट्रो कॉरिडोर के साथ इंटरचेंज स्टेशन होगा।
वर्तमान समय में एक गोल्डन लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है। यह गोल्डन लाइन 23.62 किलोमीटर की लंबी है। साथ ही साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर के निर्माण का काम भी किया जाएगा, लेकिन अभी इस काम को शुरू नहीं किया गया है। जी-ब्लॉक के इस कॉरिडोर की अनुमानित लंबाई 8.38 किलोमीटर बताई जा रही है। इसके निर्माण के टेंडर की प्रक्रिया अभी जारी है। इन दोनों कॅरिडोर के बनने के बाद साकेत जी ब्लॉक दिल्ली का बड़ा इंटरचेंज हब बनेगा।
क्या होता है टापू प्लेटफॉर्म?
टापू प्लेटफॉर्म को यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया जाएगा। मेट्रो स्टेशनों पर मेट्रो का ट्रैक बीच में होता है और उसके दोनों तरफ प्लेटफार्म बने होते हैं। ट्रेन या प्लेटफार्म बदलने के लिए यात्रियों को स्टेशन तल से होकर जाना पड़ता है। जिससे लोगों का काफी समय खराब होता है। कुछ यात्रियों को अपने गंतव्य पर पहुंचने में देर हो जाती है।
एक ट्रेन से दूसरी ट्रेन तक पहुंचने के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है। इस रास्ते से एक कॉरिडोर की मेट्रो से उतर कर दूसरे कॉरिडोर की मेट्रो पकड़ना आसान होगा। इस टापू के बनने से लोग एक स्टेशन से ही दूसरे स्टेशन तक आसानी से पहुंच पाएंगे। यात्रियों को स्टेशन के नीचे से गुजर कर नहीं जाना होगा। गोल्डन लाइन का निर्माण अगले वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर को तैयार होने में अभी ज्यादा वक्त लगने की उम्मीद जताई जा रही है।
ये भी पढ़ें: सीएम रेखा गुप्ता ने दिए निर्देश: वृद्धावस्था पेंशन लेने वालों का होगा सर्वे, महिलाओं की इस योजना में पाई गईं खामियां