DOE के आदेश को DPS द्वारका ने किया नजरअंदाज: छात्रों को नहीं दी एंट्री, जानिए हाईकोर्ट में क्या हुआ फैसला?

Bouncers deployed at the gate of DPS Dwarka
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डीपीएस द्वारका के गेट पर तैनात बाउंसर

Fees Hike Row: दिल्ली के DPS द्वारका ने फीस को लेकर छात्रों का नाम काट दिया था। इस मामले पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। छात्रों के पेरेंट्स की ओर से दायर याचिका में स्कूल प्रशासन पर कई आरोप लगाए गए हैं। साथ ही स्कूल का कंट्रोल सरकार के हाथ में देने की मांग की है।

Fees Hike Row: दिल्ली के डीपीएस द्वारका स्कूल में फीस बढ़ोतरी का मामला तूल पकड़ रहा है। डीपीएस द्वारका ने फीस जमा नहीं कर पाने वाले 32 छात्रों का नाम काट दिया था। इस मामले में छात्रों के पेरेंट्स ने हाईकोर्ट का रुख किया। DPS द्वारका से छात्रों को निकाले जाने के मामले पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई, जिसमें कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

बता दें कि छात्रों के पेरेंट्स की ओर से दाखिल याचिका में DPS द्वारका को सरकार के कंट्रोल में देने की मांग की गई है। साथ ही याचिका में बताया गया कि DPS द्वारका ने फीस में 7 हजार से लेकर 9 हजार रुपए की बढ़ोतरी की है, जो स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा पेरेंट्स ने स्कूल पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। पेरेंट्स ने दावा किया कि बच्चों को स्कूल में जाने से रोकने के लिए बाउंसर तैनात किए गए थे।

क्या है पूरा मामला?

DPS द्वारका ने हाल ही में 32 छात्रों को फीस न जमा कर पाने की वजह से स्कूल से नाम काट दिया था। इसके बाद मंगलवार को छात्रों के पेरेंट्स स्कूल पहुंचे, फिर भी उन बच्चों को स्कूल कैंपस में नहीं जाने दिया गया। स्कूल ने उन्हें रोकने के लिए गेट पर बाउंसर लगा दिए। इस पर गुस्साए पेरेंट्स ने सड़क पर जोरदार प्रदर्शन किया। DPS स्कूल की मनमानी को देखते हुए 100 से ज्यादा पेरेंट्स ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई।

पेरेंट्स ने दावा किया कि स्कूल कैंपस में बाउंसर तैनात करके अस्वस्थ, गंदे और अमानवीय व्यवहार का सहारा लिया गया। जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने पेरेंट्स को याचिका के परिणाम के अधीन बढ़ी हुई फीस का 50 फीसदी जमा करने का सुझाव दिया, लेकिन पेरेंट्स ने इस सुझाव को नकार दिया। पेरेंट्स ने कहा कि वे बढ़ी हुई फीस का पैसा जमा नहीं कर सकते हैं।

डीईओ के आदेश को भी डीपीएस द्वारका ने नकारा

बता दें कि बीते गुरुवार को दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DOE) की ओर से आदेश जारी किया गया। इसमें DPS द्वारका को उन 32 छात्रों को दोबारा दाखिला देने के लिए कहा गया, जिन्हें फीस न जमा कर पाने की वजह से निकाला गया था। साथ ही यह निर्देश दिया कि छात्रों को परेशान न किया जाए और किसी भी प्रकार की बलपूर्वक कार्रवाई करने पर रोक लगाई जाई।

इसके बावजूद भी DPS द्वारका ने शुक्रवार को बाउंसर तैनात कर दिए और छात्रों को स्कूल के अंदर नहीं जाने दिया। जानकारी के मुताबिक, स्कूल से निकाले गए छात्रों को व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया है। साथ ही उन्हें गर्मी की छुट्टी और होमवर्क को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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