Supreme Court: SC के आदेश के बावजूद आरोपी को नहीं किया रिहा, जांच के आदेश, चुकानी होगी भारी रकम!

बिहार चुनाव 2025: वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद जेल में बंद एक व्यक्ति की जमानत के लिए आदेश दिया। हालांकि आदेश के बाद भी युवक को रिहा नहीं किया गया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि आफताब को 5 लाख रुपए का अंतरिम मुआवजा दिया जाए।
वहीं गाजियाबाद जिला जज को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी करने वाले मामले की जांच सौंपी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 27 जून को कंप्लायंस रिपोर्ट मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को की जाएगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए डीजी जेल
वहीं इस मामले में सुनवाई के लिए उत्तर प्रदेश के डीजी जेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जांच रिपोर्ट देखने के बाद ही ये तय कर सकेंगे कि क्या मुआवजे की राशि जिम्मेदार अधिकारी से वसूली जाए या नहीं?
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आपने उसे कल ही रिहा किया। इससे पता चलता है कि आपने हमारे आदेश की अवहेलना की है। कोर्ट ने कहा कि जांच रिपोर्ट पश की जाए। इसके बाद ही व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। अगर कोई अधिकारी इसमें शामिल पाया गया, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। कोर्ट ने डीजी जेल से कहा कि अदालत के आदेशों का पालन कैसे किया जाता है, इसके बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने अधिकारियों को बताएं। अदालत के आदेश के बावजूद आरोपियों को जेल में रखा जाए, तो ये क्या संदेश देता है?
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि साल 2024 में आफताब के खिलाफ अवैध धर्मांतरण के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को जमानत के तहत रिहा करने के आदेश दिए थे। हालांकि पुलिस ने उसे रिहा नहीं किया। इसके कारण कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और पुलिस महकमे के काम पर सवाल उठाया है।