Fuel Ban:: पुराने वाहनों के बैन पर लोगों का छलका दर्द, बोले- वेल मेंटेन मर्सिडीज-बेंज 'विंटेज स्क्रैप' से ज्यादा नहीं

16 साल पुरानी मर्सडीज दिल्ली में बैन
Overage Vehicles Fuel Banned: दिल्ली में ओवर एज हो चुके वाहनों को ईंधन नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में बहुत से लोग अपनी वेल मेंटेंड कारों को बेच रहे हैं। वहीं बहुत से लोग अपनी कारों को यादगार बनाए रखने के लिए संजो कर रख रहे हैं। वहीं काफी लोग इन्हें स्क्रैप में बेच रहे हैं। वहीं काफी लोग सोशल मीडिया पर इन कारों की तस्वीरें साझा कर अपना दर्द बांट रहे हैं।
रतन ढिल्लन का पोस्ट हो रहा वायरल
इन्ही सब के बीच दिल्ली के एक शख्स रतन ढिल्लन का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए अपने पिता की वेल मेंटेन 16 साल पुरानी मर्सिडीज-बेंज ई 280 वी6 को 'विंटेज स्क्रैप' से ज्यादा कुछ नहीं कहे जाने पर अपना दर्द लोगों के सामने बयां किया है।
This is my dad’s 16-year-old Mercedes E280 V6 still running stronger and cleaner than most of the so-called modern cars that keep breaking down on roads.
— Rattan Dhillon (@ShivrattanDhil1) July 2, 2025
Every single button still works, and the engine? Still does 0–100 in just 6–7 seconds. Zero pollution, zero nonsense.
But… pic.twitter.com/pXCdPvHNY3
तस्वीर शेयर करते हुए बयां किया दर्द
उन्होंने एक्स पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये कार मेरे पिता की 16 साल पुरानी मर्सिडीज E280 V6 है। ये कार अभी भी सड़कों पर चलने वाली आधुनिक कारों से ज्यादा स्वच्छता के साथ चल रही है। वर्तमान समय में चलने वाली बहुत सी कारों के मुकाबले इससे प्रदूषण न के बराबर होता है। इस कार का हर बटन और इंजन बखूबी काम कर रहा है। ये कार 6 से 7 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ लेती है।
सरकार को दी चुनौती
उन्होंने आगे लिखा कि मुझे दुख है कि इसे विंटेज स्क्रैप कहना पड़ रहा है। मैं सरकार को चुनौती देता हूं कि वो साबित करें कि ये कार प्रदूषण फैलाती है। हालांकि रतन ढिल्लन की इस पोस्ट पर लोग अपनी-अपनी मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों ने रतन के प्रति सहानुभूति जताई। वहीं कुछ लोगों ने उन्हें राय दी कि वे इसे गैर-एनसीआर क्षेत्र में पहुंचा सकते हैं। वहीं एक यूजर ने लिखा कि बहुत से देशों में हेरिटेज लाइसेंस की व्यवस्था होती है, जिसे क्लब परमिट स्कीम भी कहा जाता है। हमारे देश में भी ऐसी योजना होनी चाहिए।
बहुत से लोग परेशान
हालांकि ये हाल एक ही इंसान का नहीं है। दिल्ली-एनसीआर में बहुत से लोगों के पास ऐसी कार हैं, जो वेल मेंटेन हैं। उनसे प्रदूषण न के बराबर होता है और कार भी अच्छी कंडीशन में हैं। हालांकि सरकार की स्कीम के कारण बहुत से लोग अपनी कारों को समय अवधि पूरी होने से पहले ही बेचने लगे हैं।