Green Field Link Expressway: गौतमबुद्ध नगर से बुलंदशहर के बीच बनेगा एक्सप्रेसवे, 56 गांवों से ली जाएगी जमीन

Green Field Link Expressway
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ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे

Green Field Link Expressway: गंगा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसके लिए 56 गांवों से जमीन ली जाएगी। इन गांवों के लिए खरीद-फरोख्त बंद कर दी गई।

Green Field Link Expressway: उत्तर प्रदेश के जेवर में एयरपोर्ट बन रहा है, जिसे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 74.3 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए अधिसूचित जमीन की बढ़ती खरीद-फरोख्त को देखते हुए बैनामों पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।

ये लिंक एक्सप्रेसवे गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के 56 गांवों की जमीन पर बनाया जाएगा। इस लिंक एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए बनाया जाएगा।

4000 करोड़ की लागत से बनेगा ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे

ये लिंक एक्सप्रेसवे को 120 मीटर चौड़ा बनेगा। इसमें गंगा एक्सप्रेसवे का 44.3 किलोमीटर लंबा हिस्सा होगा, जो बुलंदशहर के सियाना से होकर गुजरेगा। वहीं यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर का हिस्सा, जो सेक्टर-21 फिल्म सिटी के पास आकर जुड़ेगा। ये लिंक एक्सप्रेसवे यमुना सिटी के किसी भी सेक्टर को काटकर नहीं निकलेगा। इस परियोजना को पूरा करने के लिए लगभग 4000 करोड़ रुपए की लागत लगेगी।

दोबारा तैयार किया गया रोड अलाइनमेंट

पहले इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 83 किलोमीटर थी, उस समय ये लिंक एक्सप्रेसवे सेक्टरों के बीच से गुजर रहा था। इसके बाद इसका अलाइमेंट दोबारा तैयार किया गया। इस अलाइमेंट में सेक्टरों को बचाते हुए सेक्टर-21 से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। इस लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कुल 56 गांव की जमीन पर किया जाएगा। इनमें गौतमबुद्ध नगर के 8 गांव और बुलंदशहर के 48 गांव शामिल हैं। इनमें खुर्जा तहसील के 14 गांव, बाकी गांव सियाना, शिकारपुर और बुलंदशहर तहसील के होंगे।

इन गांवों से ली जाएगी जमीन


जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

इस लिंक एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके कारण UPEIDA ने अधिसूचित जमीन की खरीद फरोख्त बंद करने के लिए जमीन के बैनामों पर रोक लगा दी है। अगर जमीन की खरीद-फरोख्त होती पाई गई, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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