23 नक्सलियों ने किया समर्पण: कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का अपहर्ता 1 करोड़ का ईनामी लोकेश भी इनमें शामिल

डीआईजी सीआरपीएफ आनन्द सिंह राजपुरोहित, किरण चव्हाण और एसपी सुकमा
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डीआईजी सीआरपीएफ आनन्द सिंह राजपुरोहित, किरण चव्हाण और एसपी सुकमा 

छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति और लगातार सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के चलते सुकमा में 23 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।

लीलाधर राठी-सुकमा। शनिवार को सुकमा जिला पुलिस और सीआरपीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल 1 करोड़ 18 लाख के ईनामी नक्सली लोकेश सहित कुल 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। बताया जा रहा है कि, नक्सली लोकेश तत्कालीन सुकमा कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण में शामिल था।

मिली जानकारी के मुताबिक, पीएलजीए बटालियन में सक्रिय 8 हार्डकोर नक्सली सहित अन्य क्षेत्रों में सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों में डीव्हीसीएम 01, पीपीसीएम 06, एसीएम 04 एवं 12 पार्टी सदस्य शामिल हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों में 09 महिला, 14 पुरुष शामिल हैं। इनमें 03 नक्सली दम्पति भी शामिल हैं।

पुनर्वास नीति रंग लाई
छत्तीसगढ़ शासन की छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति एवं नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से इन लोगों द्वारा आत्मसमर्पण किया जाना बताया जा रहा है।

किस पर कितना था ईनाम
आत्मसमर्पित 11 नक्सलियों पर 08-08 लाख, 04 पर 05-05 लाख, 01 नक्सली पर 03 लाख एवं 07 नक्सलियों पर 01-01 लाख कुल 01 करोड़ 18 लाख रूपये के घोषित है ईनाम।

इनकी रही बड़ी भूमिका
नक्सलियों को आत्मससमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में जिला बल, डीआरजी सुकमा, विआशा. सुकमा, रेंज फिल्ड टीम (आरएफटी) सुकमा, जगदलपुर, सीआरपीएफ 02, 223, 227, 204, 165 वाहिनी एवं कोबरा 208 वाहिनी के आसूचना शाखा कार्मिकों की रही है विशेष भूमिका।

सीएम विष्णु देव साय ने किया ट्वीट
बस्तर बदल रहा है, बंदूकें थम रही हैं…लोकतंत्र की लौ अब हर कोने में जल रही है। सुकमा जिले में 1 करोड़ 18 लाख रुपए के 23 इनामी नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण किया है, इन्हें मिलाकर पिछले 24 घंटों के भीतर प्रदेश में कुल 45 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ लोकतंत्र पर भरोसा दिखाया है। ये सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं है, ये उस विश्वास की जीत है जो हमारी सरकार ने नियद नेल्ला नार जैसी योजनाओं के माध्यम से विकास के रूप में सुदूर अंचलों तक पहुंचाया है। अब यहाँ बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली सुनाई दे रही है। इसी का परिणाम है कि पिछले 15 महीनों में 1521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 की भी सकारात्मकता का प्रमाण है कि लोग हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में सुशासन के विज़न पर चलते हुए, हमारा प्रदेश तय समय सीमा के भीतर नक्सलवाद से अवश्य मुक्त होगा।

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