ind vs eng 1st test: 5 शतक ठोकने के बावजूद क्यों टीम इंडिया लीड्स टेस्ट हारी, कहां हुई गिल के 'शुभ आरंभ' में गलती

5 शतक ठोकने के बावजूद क्यों टीम इंडिया लीड्स टेस्ट हारी, कहां हुई गिल के शुभ आरंभ में गलती
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ind vs eng 1st test highlights: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत इंग्लैंड से लीड्स में पहला टेस्ट 5 विकेट से हार गया। बल्लेबाजी में दो बार कोलैप्स, खराब फील्डिंग और गेंदबाजी में धार की कमी भारी पड़ी। इंग्लैंड ने बेहतर रणनीति और धैर्य के साथ 371 रन का लक्ष्य हासिल किया।

ind vs eng 1st test highlights: हर नई शुरुआत परियों की कहानी जैसी नहीं होती—और शुभमन गिल के लिए कप्तान के रूप में पहला टेस्ट मैच इसका सटीक उदाहरण बन गया। लीड्स के हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट में भारत ने दो बार अच्छी स्थिति बनाने के बावजूद मैच इंग्लैंड को पांच विकेट से गंवा दिया। चार बल्लेबाजों के शतक और दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत के बावजूद भारत बार-बार मौके गंवाता रहा।

बिना रोहित शर्मा और विराट कोहली के, यह भारतीय टेस्ट टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है। गिल के नेतृत्व में युवा खिलाड़ी उत्साह के साथ उतरे, लेकिन नतीजे तक पहुंचने के लिए जरूरी संतुलन नहीं दिखा। तो कहां चूक गई टीम इंडिया? आइए जानते हैं पांच बड़ी वजहें

1. दो बार बड़ा स्कोर बनाने से चूकी टीम इंडिया

पहली पारी में भारत का स्कोर एक समय 430/3 था। गिल, जायसवाल और पंत ने शानदार शतक लगाए थे। फिर अचानक आखिरी सात विकेट सिर्फ 41 रन में गिर गए और स्कोर 471 पर सिमट गया। दूसरी पारी में भी 333/5 से आगे बढ़ते हुए भारत सिर्फ 364 रन बना पाया। मिडिल ऑर्डर और निचले क्रम की नाकामी ने भारत को बार-बार झटका दिया। इसी वजह से इंग्लैंड को 371 रन का टारगेट मिला। भारत यहां भी 50-60 रन कम रह गया।

2. कैच छोड़ने का भारत ने उठाया खामियाजा

यशस्वी जायसवाल ने अकेले चार कैच छोड़े, जिनमें से एक था बेन डकेट का, जब वह दूसरी पारी में 97 पर थे। डकेट ने बाद में 149 रन बना डाले। पंत का विकेटकीपिंग में लय में न होना, स्लिप में कैच ड्रॉप और फील्डिंग में चूक ने इंग्लैंड को बार-बार मौके दिए और इसका इंग्लिश टीम ने पूरा फायदा उठाया और आखिरी दिन 350 रन बनाकर मैच जीता।

3️. गेंदबाजी में तालमेल की कमी

बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट लेकर दम दिखाया लेकिन दूसरी पारी में कोई विकेट नहीं ले पाए। मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, शार्दुल ठाकुर और जडेजा की गेंदबाजी भी फीकी नजर आई। ये सब न तो रन रोकने में सफल रहे और न लगातार विकेट ले पाए। इस वजह से इंग्लैंड की बल्लेबाजी कभी दबाव में नहीं आई। न कोई एक्स्ट्रा पेसर था, न आक्रमक स्पिन विकल्प। गेंदबाजी कॉम्बिनेशन कमजोर होने का भारत ने खामियाजा उठाया।

4️. बुमराह पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता

बुमराह अगर विकेट लेते हैं, तो भारत गेम में होता है। लेकिन जैसे ही दूसरी पारी में बेन डकेट और जैक क्रॉली ने उन्हें समझदारी से खेला, बाकी गेंदबाजों की कमजोरी सामने आ गई। पूरी गेंदबाजी यूनिट बुमराह पर टिक गई थी, और यही टीम की बड़ी कमजोरी बन गई।

5️. इंग्लैंड का शांत और समझदार गेमप्लान

इंग्लैंड ने बिना घबराए बल्लेबाजी की। डकेट के 149 और क्रॉली के 65 रनों ने रनचेज़ की नींव रखी। पहली पारी में ओली पोप के शतक और ब्रूक की पारी ने 465 का स्कोर खड़ा किया। पांचवें दिन इंग्लैंड ने पहले दबाव झेला और फिर अटैक करके मैच अपने नाम किया।

भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद टीम की गलतियों को खुले तौर पर स्वीकार किया और यंग ब्रिगेड में भरोसा जताया। अब सीरीज का दूसरा टेस्ट बर्मिंघम में है, और भारत वहां से वापसी का रास्ता खोजेगा।

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