ind vs eng: एजबेस्टन टेस्ट से पहले शुभमन गिल ने खुद को कोसा, बोले- लीड्स में 147 पर आउट न होता तो तस्वीर कुछ और होती

शुभमन गिल ने एजबेस्टन टेस्ट से पहले माना कि बल्लेबाजों ने लीड्स में गलती की थी।
ind vs eng 2nd test: लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली पांच विकेट की हार ने भारतीय टीम को सोचने पर मजबूर कर दिया है। मैच में दो बार मजबूत स्थिति में होने के बावजूद भारत की निचली बल्लेबाजी क्रम के धराशायी हो जाने से टीम गेम से बाहर हो गई। कप्तान शुभमन गिल ने एजबेस्टन में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट से पहले लीड्स में मिली हार की जिम्मेदारी खुद पर लेते हुए कहा है कि मैं 147 पर आउट न होता तो ऋषभ पंत के साथ 50 और रन जोड़ सकता था, जिससे इंग्लैंड को मुकाबले में वापस आना मुश्किल होता।
भारत पहली पारी में 430/3 की स्थिति से 7 विकेट सिर्फ 41 रन में गंवा बैठा और दूसरी पारी में 340/4 से 6 विकेट 31 रन में खो दिए। इन दोनो ही collapses ने भारत को उस मजबूत स्थिति से खिसका दिया जहां से हार की संभावना कम थी।
गिल ने कहा, 'जब आप जानते हैं कि आपकी निचली बल्लेबाजी ज्यादा मजबूत नहीं है, तो टॉप ऑर्डर को ही जिम्मेदारी लेनी होती है। मैंने गलत शॉट खेला और वहीं से हम फंसे।'
गिल ने माना कि भारत की निचली क्रम की बल्लेबाजी अन्य टीमों जितनी मजबूत नहीं है और ये कमी बार-बार टीम को भारी पड़ती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज सेट होने के बाद लंबी पारी खेलें, तो टीम को इन कॉलैप्स से बचाया जा सकता है।
तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लेकर गिल ने कहा कि वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते वे शायद एजबेस्टन टेस्ट से बाहर रहें। ऐसे में टीम वॉशिंगटन सुंदर को दूसरे स्पिनर के रूप में शामिल कर सकती है ताकि बैटिंग डेप्थ बनी रहे।
बॉलिंग कॉम्बिनेशन पर गिल ने कहा, 'जब गेंद पुरानी हो जाती है और पिच से ज्यादा मदद नहीं मिलती, तब रन फ्लो को रोकना चुनौती हो जाता है। उस स्थिति में एक एक्स्ट्रा स्पिनर मददगार हो सकता है, खासकर तीसरी और चौथी इनिंग्स में।'
कुलदीप यादव के शामिल होने के सवाल पर गिल ने कहा, "अंतिम फैसला आज शाम लिया जाएगा, लेकिन कुल मिलाकर टीम का बैलेंस नहीं बदलेगा।" उन्होंने ये भी माना कि शार्दुल ठाकुर की जगह कोई स्पिन ऑलराउंडर खेल सकता है ताकि टीम बैटिंग में भी स्थिरता पा सके।
गिल का ये आत्ममंथन साफ दिखाता है कि कप्तान के रूप में वह सिर्फ फैसले नहीं, जिम्मेदारियां भी उठाने को तैयार हैं। अब देखना है कि एजबेस्टन टेस्ट में भारत बदलावों के साथ किस तरह वापसी करता है।