गुलाम नबी आजाद से लेकर महबूबा मुफ्ती तक, Article 370 पर SC के फैसले पर कश्मीरी नेताओं ने क्या कहा

गुलाम नबी आजाद से लेकर महबूबा मुफ्ती तक, Article 370 पर SC के फैसले पर कश्मीरी नेताओं ने क्या कहा
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Article 370 Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनुच्छेद 370 पर फैसला सुनाया और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा। पढ़ें इसे लेकर कश्मीरी नेताओं ने क्या प्रतिक्रियाएं दी हैं।

Article 370 Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाएं। अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के पास आंतरिक संप्रभुता नहीं है। इस फैसले पर कश्मीरी नेताओं ने प्रतिक्रियाएं दी हैं।

गुलाम नबी आजाद ने दी प्रतिक्रिया

कोर्ट के इस फैसले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी प्रतिक्रिया दी है. आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक गलती थी और इसके बारे में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से भी पूछा जाना चाहिए था. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट से ये हमारी आखिरी उम्मीद थी, जम्मू-कश्मीर के लोग इस फैसले से खुश नहीं हैं.

उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा

इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इस फैसले से निराश हूं, संघर्ष जारी रहेगा। बीजेपी को इस मुकाम तक पहुंचने में कई दशक लग गए। हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं। गुलाम नबी आजाद के बयान को गंभीरता से लेते हुए उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि आजाद साहब सच में आजाद हैं। वे अपने पार्टी कार्यालयों में आने के लिए स्वतंत्र हैं, जबकि हममें से कुछ लोग अपने गेटों पर जंजीरों से बंधे हुए हैं। गुपकर रोड पर मीडिया को हमसे कोई टिप्पणी लेने की अनुमति नहीं है।

महबूबा मुफ्ती बोंली- हमें निराश नहीं होना चाहिए

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें निराश नहीं होना चाहिए। जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। अनुच्छेद 370 को अस्थायी प्रावधान बताने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी हार नहीं हैं। लेकिन भारत के विचार की हार है। मैं देश के लोगों से यह कहना चाहती हूं कि आप में से कई लोग इस (फैसले) का जश्न मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर को जेल में बदल दिया गया है और सभी दुकानदारों को जेल में डाल दिया गया। साथ ही, निर्देश दिया कि वे सुबह 10 बजे से पहले अपनी दुकानें नहीं खोलेंगे। हमें नजरबंद कर दिया गया। यह एक राजनीतिक युद्ध है जो सदियों से चल रहा है और कई लोगों ने इसके लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है। हम इसे नहीं छोड़ेंगे, हमें एक साथ आना होगा और लड़ना होगा।

सज्जाद लोन ने कहा- फैसला निराशाजनक

जम्मू-कश्मीर के पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला निराशाजनक है। न्याय एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के लोगों से दूर है। अनुच्छेद 370 भले ही कानूनी रूप से खत्म हो गया हो, लेकिन हमेशा हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हिस्सा रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के दर्जे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करने से भी परहेज किया, इस प्रकार पूर्वता का हवाला देकर पूरे देश को भविष्य में किसी भी दुरुपयोग से बचाया। फिर भी उसी दुरुपयोग को जम्मू-कश्मीर में सूक्ष्मता से समर्थन दिया गया। आइए आशा करते हैं कि भविष्य की तारीख़ में न्याय दिखावे की नींद से जागेगा।

महाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह की प्रतिक्रिया

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराए जाने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोगों का एक वर्ग जो इस फैसले से खुश नहीं होगा, मेरी ईमानदारी से सलाह है कि वे अपरिहार्य को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि अब यह किया जा चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई को बरकरार रखा है और इसलिए अब अनावश्यक रूप से दीवार पर सिर मारने का कोई मतलब नहीं है। अब मेरा सुझाव है कि उन्हें अपनी ऊर्जा को लड़ने की ओर मोड़ना चाहिए अगला चुनाव। यही वह जगह है जहां लोगों को अब किसी भी नकारात्मकता को विकसित करने के बजाय प्रेरित किया जाना चाहिए।

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