PM ने शुभांशु शुक्ला से की बात: मोदी की भारतीय एस्ट्रोनॉट से गाजर का हलवा और पृथ्वी की परिक्रमा पर हुई चर्चा; देखें Video

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PM मोदी ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से की बात, गाजर का हलवा और पृथ्वी के दृश्य पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से ISS पर बात की। गाजर का हलवा, पृथ्वी की एकता और माइक्रो-ग्रेविटी के अनुभव पर हुई चर्चा। जानें इस ऐतिहासिक पल की खास बातें।

PM Modi-Shubhanshu Batcheet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की, जो 26 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे हैं। 41 साल बाद किसी भारतीय ने अंतरिक्ष में कदम रखा है। इस ऐतिहासिक पल को पीएम मोदी ने देश के लिए गौरवशाली बताया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बातचीत का फोटो सोशल मीडिया पर साझा किया।

मोदी-शुभांशु की बातचीत की खास बातें

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
"आप आज भले ही मातृभूमि से बहुत दूर हों, लेकिन भारतवासियों के दिलों के बेहद करीब हैं। आपके नाम में ‘शुभ’ जुड़ा है और आपकी यह यात्रा एक नए युग की शुभ शुरुआत है। इस समय हम दोनों भले ही संवाद कर रहे हैं, लेकिन मेरी आवाज में 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं, उत्साह और गौरव समाहित हैं। अंतरिक्ष में भारत का तिरंगा गर्व से लहराने के लिए मैं आपको दिल से शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।"

प्रधानमंत्री ने मोदी ने सबसे पहले शुभांशु से पूछा- वहां सब कुशल मंगल तो है?
शुभांशु ने जवाब दिया, "मैं ठीक और सुरक्षित हूं। यह एक नया अनुभव है। यह दिखाता है कि भारत और देशवासी किस दिशा में बढ़ रहे हैं। बचपन में मैंने कभी नहीं सोचा था कि अंतरिक्ष यात्री बनूंगा। आपके नेतृत्व में देश सपनों को साकार कर रहा है।"

गाजर का हलवा बना चर्चा का केंद्र
पीएम ने पूछा-आप जो गाजर का हलवा ले गए, क्या उसे साथियों को खिलाया? इस पर शुभांशु ने कहा, मैंने गाजर और मूंग दाल का हलवा लाया था। बाकी देशों के साथियों को भारत के समृद्ध स्वाद का मजा देना चाहता था। मैंने सबके साथ बैठकर इसे खाया।

पृथ्वी का नजारा और एकता का संदेश
PM मोदी ने पूछा, पृथ्वी माता की परिक्रमा का अनुभव कैसा रहा? आप अभी कहां हैं? इस पर शुभांशु ने बताया कि हम 28,000 किमी/घंटे की रफ्तार से 16 बार पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं, 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं। यह गति दिखाती है कि हमारा देश कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

हम सब मानवता का हिस्सा और पृथ्वी हमारा घर
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बताया कि भारत स्पेस से बहुत भव्य और बहुत बड़ा (नक्शे से कहीं अधिक बड़ा) दिखता है। जब हम पृथ्वी को बाहर से देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि कोई सीमा मौजूद नहीं है। उसमें कोई राज्य और कोई देश नजर नहीं आता। यानी हम सब मानवता का हिस्सा हैं और पृथ्वी हमारा एक घर है।

माइक्रो-ग्रेविटी का अनुभव
प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष की परिस्थितियों के बारे में पूछा तो शुभांशु ने बताया कि हमने ट्रेनिंग में सब सीखा था, लेकिन यहां माइक्रो-ग्रेविटी में सब बदल जाता है। छोटी-छोटी चीजें मायने रखती हैं। अभी आपसे बात करते समय मैंने अपने पैर बांध रखे हैं।

मेडिटेशन और माइंडफुलनेस की अहमियत
शुभांशु ने पीएम मोदी से हुई चर्चा में बताया कि माइंडफुलनेस अंतरिक्ष में मानसिक संतुलन बनाए रखने में बेहद मददगार है। खासकर, लॉन्च जैसे तनावपूर्ण क्षणों में। पीएम मोदी ने कहा, हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं।

हेल्थ और एग्रीकल्चर के लिए प्रयोग
शुभांशु ने प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया कि वे स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र के लिए खास प्रयोग कर रहे हैं, जो भविष्य में भारत को वैज्ञानिक लाभ देगा।

अंतरिक्ष से गूंजा भारत माता की जय
पीएम मोदी ने कहा, “हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है और चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग करानी है। इसके लिए आपका यह अनुभव बेहद काम आएगा।”

इस पर शुभांशु शुक्ला ने उत्साहपूर्वक जवाब देते हुए कहा कि वे हर पहलू का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और यह मिशन न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि शुभांशु की यह यात्रा 'विकसित भारत' के सपने को नई रफ्तार देगी।

शुभांशु ने कहा, “यह यात्रा मेरे लिए अद्भुत रही। यहां तक पहुंचना देश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैं भारत के सभी बच्चों से कहना चाहता हूं कि वे अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाएं, क्योंकि उनका उज्ज्वल भविष्य ही देश का उज्ज्वल भविष्य होगा। और याद रखें- 'Sky is never the limit!'”

उन्होंने यह भी साझा किया कि, “आप जो मेरे पीछे तिरंगा देख रहे हैं, वह पहले नहीं था। मैंने इसे कल ही यहां लगाया है। यह मुझे भावुक कर देता है और गर्व से भर देता है।”

बातचीत के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु से मां भारती का मान बढ़ाने और अपना ध्यान रखने की अपील की। उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से उन्हें ढेरों शुभकामनाएं दीं।

इस पर भावुक होकर शुभांशु शुक्ला ने कहा- “अंतरिक्ष से भारत माता की जय।”

एक्सियम मिशन 4 का हिस्सा
शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को दोपहर 12 बजे स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर कैनेडी स्पेस सेंटर से ISS के लिए रवाना हुए थे। तकनीकी खराबी और मौसमी दिक्कतों के कारण यह मिशन 6 बार टाला गया था।

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