जम्मू-कश्मीर को बड़ी सौगात: PM मोदी करेंगे दुनिया के सबसे ऊंचे चेनाब ब्रिज का उद्घाटन, अंजी ब्रिज भी शामिल

jammu srinagar rail line chenab bridge inauguration pm modi
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jammu srinagar rail line chenab bridge inauguration pm modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को जम्मू-श्रीनगर रेल लाइन और इंजीनियरिंग चमत्कार चेनाब व अंजी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। जानिए वंदे भारत ट्रेनें, टनल्स और रेलवे विकास की पूरी जानकारी।

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक विकास कार्य की शुरुआत करने जा रही है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे, जो दशकों पुराना सपना था।

इस रेल परियोजना के तहत दो इंजीनियरिंग चमत्कार- चेनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज – का भी लोकार्पण किया जाएगा। रेल मंत्री ने बताया कि यह पुल भारतीय रेलवे की तकनीकी क्षमता और निर्माण उत्कृष्टता का प्रतीक हैं।

जम्मू-श्रीनगर रेल परियोजना की खास बातें

  • दो वंदे भारत ट्रेनों को पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे, जो विशेष तौर पर हाई एल्टीट्यूड (उच्च ऊंचाई) पर संचालन के लिए डिजाइन की गई हैं।
  • शुरुआत में ये ट्रेनें कटरा से श्रीनगर के बीच चलेंगी, जबकि सितंबर 2025 तक जम्मू रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ये जम्मू से श्रीनगर तक चलेंगी।
  • जम्मू रेलवे स्टेशन को एक ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां से यात्री हाई एल्टीट्यूड ट्रेनों में श्रीनगर के लिए सफर कर सकेंगे।

चेनाब ब्रिज: दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज
यह पुल 260 किमी/घंटा की हवाओं और सिस्मिक जोन-5 यानी भूकंप संवेदी क्षेत्र के लिए डिजाइन किया गया है। इसका फाउंडेशन आधे फुटबॉल मैदान जितना बड़ा है और इसमें 30,000 टन स्टील का उपयोग हुआ है। यह ब्रिज इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक अद्वितीय उपलब्धि है और दुनिया में सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है।

अंजी ब्रिज: रेलवे में पहला केबल ब्रिज
हाईवे पर तो कई केबल ब्रिज बने हैं, लेकिन रेलवे में अंजी ब्रिज पहला ऐसा ब्रिज है जो केबल-सपोर्टेड तकनीक पर आधारित है। यह पुल भी कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

टनल्स और टर्मिनल्स का जाल
कटरा से बनिहाल तक के 111 किमी सेक्शन में 97 किमी लंबी सुरंगें (टनल्स) बनाई गई हैं। जम्मू-श्रीनगर रेल रूट पर चार नए टर्मिनल भी विकसित किए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों और माल ढुलाई दोनों के लिए सुगमता सुनिश्चित हो सके।

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