भारत अफगानिस्तान संबंध: एस जयशंकर ने तालिबानी विदेश मंत्री से की बात, पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश

India Afghanistan Relation: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (15 मई) को तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से फोन कॉल पर बात की। भारत और अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन के साथ मंत्री स्तर की यह पहली बातचीत है। तालिबान प्रशासन ने पिछले दिनों पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी। जिस पर डॉ. जयशंकर ने जयशंकर उनका आभार जताया।
परस्पर सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर
डॉ. जयशंकर ने अपने X हैंडल मे बातचीत की जानकारी देते हुए लिखा-आज शाम कार्यवाहक अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ सार्थक बातचीत हुई। पहलगाम आतंकी हमले की उनकी निंदा की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं। साथ ही बताया कि अफगान लोगों के साथ हमारी (भारत की) पारंपरिक मित्रता और परस्पर सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। इस परंपरा को आगे बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा की गई।
झूठी खबरों से अविश्वास पैदा कर रहा पाक
डॉ. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर की घटनाओं को तालिबान से जोड़ने के पाकिस्तान के झूठे बयान और उस पर भारत की प्रतिक्रिया पर भी जवाब दिया। कहा, पाकिस्तानी मीडिया में झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से हमारे बीच अविश्वास पैदा की कोशिश की जा रह है। मुत्ताकी ने इस पर दृढ़ता पूर्वक आपत्ति जताई है। भारत उनके इस निर्णय का स्वागत करता है।
ईरान के चाबहार बंदरगाह का महत्व
तालिबान के संचार निदेशक हाफिज जिया अहमद ने बातचीत की जानकारी देते हुए बताया कि श्री मुत्ताकी ने डॉ. जयशंकर से अफगान नागरिकों को अधिक वीजा दिए जाने को कहा है। खासकर, जो लोग यहां मेडिकल सुविधा के लिए आते हैं। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार, भारतीय जेलों में बंद अफगान कैदियों की रिहाई और ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह के विकास को लेकर भी चर्चा की है।
क्यों जरूरी है चाबहार पोर्ट
दरअसल, चाबहार बंदरगाह भारत और अफ़गानिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों के लिए सेतु का कार्य करता है। दोनों देशों की सीमाएं एक दूसरे लगती हैं, लेकिन 1947 से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के चलते कटा हुआ है। ऐसे में व्यापार के लिए एकमात्र अन्य विकल्प ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह है।