एक्सिओम-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन बाद पृथ्वी पर रखा कदम; भावुक हुईं मां ; देखें Video

एक्सिओम-4 मिशन : शुभांशु शुक्ला ने 18  दिन बाद पृथ्वी पर रखा कदम
X

एक्सिओम-4 मिशन : शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन बाद पृथ्वी पर रखा कदम

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष मिशन पूरा कर 18 दिन बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौटे। उनकी वापसी पर देश में खुशी का माहौल है। जानें मिशन की पूरी जानकारी।

Shubhanshu Shukla ISS: भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए। 18 दिनों तक स्पेस में रहने के बाद मंगलवार (15 जुलाई 2025) को उन्होंने कैलिफोर्निया (अमेरिका) के सैन डिएगो में लैंडिंग की। एक्सिओम-4 मिशन की इस सफलता से न सिर्फ शुभांशु का परिवार बल्कि पूरा देश गर्व और उत्साह से भर गया।


शुभांशु शुक्ला की मां बोलीं-

शुभांशु शुक्ला सकुशल लौटने की खबर जैसे ही उनके परिजनों को मिली मां आशा शुक्ला भावुक हो गईं। कहा, बेटा बहुत बड़ा मिशन पूरा करके लौटा है। आंखों में आंसू आना स्वाभाविक है। हमने मन ही मन भगवान से सुरक्षति लैंडिंग के लिए प्रार्थना की थी। अब डर खत्म हो गया।

परिवार ने केक काटकर मनाया जश्न

शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने भी बेटे की वापसी पर खुशी का इजहार किया। कहा, हम उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारे बेटे को दुआएं और आशीर्वाद दिया। आज पूरे देश में जश्न का माहौल है। परिवार ने घर पर केक काटा और मोहल्लेवालों के साथ मिलकर उत्सव मनाया।

PM मोदी ने दी बधाई

शुभांशु के गृहनगर से लेकर दिल्ली तक जश्न का माहौल है। लोग सोशल मीडिया पर बधाईयां दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है। X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा-भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा कर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक अरब सपनों को प्रेरित किया है। हम उनका स्वागत करते हैं। जय हिंद।

कैसा था मिशन एक्सिओम-4?

  • शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं और वह एक्सिओम स्पेस के Axiom-4 मिशन का हिस्सा बने। यह मिशन एक ऐतिहासिक उपलब्धि इसलिए भी है क्योंकि उन्होंने न सिर्फ आईएसएस पर समय बिताया, बल्कि वहां रहते हुए कई वैज्ञानिक प्रयोग, भारतीय तकनीकों का प्रदर्शन और अंतरिक्ष जीवन का अनुभव साझा किया।
  • मिशन की वापसी यात्रा करीब 22.5 घंटे की रही और अंततः सभी यात्री 15 जुलाई की सुबह (IST अनुसार) सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में समुद्र में सुरक्षित स्प्लैशडाउन के साथ लौटे।

भारत के अंतरिक्ष सफर में नया अध्याय

इस सफलता के साथ भारत ने न सिर्फ अपने स्पेस प्रोग्राम में एक नया मुकाम हासिल किया है, बल्कि यह आने वाले समय में गगनयान मिशन और मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा। शुभांशु का यह मिशन भारत के युवाओं को विज्ञान, तकनीक और अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में प्रेरित करेगा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story