आ रहे हैं शुभांशु: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर कैसे लौटेंगे, कितनी होगी स्पीड? जानिए लैंडिंग की प्रक्रिया

Shubhanshu Shukla return to Earth
Shubhanshu Shukla Return: शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट 17 दिन बाद सोमवार (14 जुलाई) को अंतरिक्ष से विदाई लेंगे। चारों अंतरिक्ष यात्री शाम 4:35 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से पृथ्वी के लिए रवाना होंगे। 23 घंटे के सफर के बाद उनका स्पेसक्राफ्ट मंगलवार (15 जुलाई) को दोपहर 3 बजे समुद्र में लैंड करेगा। पृथ्वी पर वापसी से पहले शुभांशु शुक्ला ने कहा-भारत आज भी सारे जहां से अच्छा है।
263 किलो से ज्यादा सामान लेकर लौटेंगे यात्री
सोमवार (14 जुलाई) को दोपहर 2:25 बजे क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में क्रू एंटर करेगा और हैच (दरवाज़ा) बंद कर दिया जाएगा। शाम 4:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के हार्मनी मॉड्यूल से अनडॉक करेगा यानी उससे अलग हो जाएगा। मंगलवार (15 जुलाई) दोपहर करीब 3 बजे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया के तट के पास समुद्र में लैंड करेगा (स्प्लैशडाउन)। यह स्पेसक्राफ्ट 263 किलो से ज्यादा सामान लेकर लौटेगा। इसमें NASA का वैज्ञानिक हार्डवेयर और 60 से भी ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों का डेटा शामिल होगा।
जानिए कैसे होगी लैंडिंग
क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धीरे-धीरे अलग होगा। इसे अनडॉकिंग करते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटेड होती है लेकिन क्रू इसकी निगरानी करता है। अलग होते ही कैप्सूल पृथ्वी की ओर धीमी गति से बढ़ेगा। फिर कैप्सूल को धीमा करने के लिए रॉकेट फायरिंग होगी। इसे retrograde burn कहते है। यह इसलिए की जाती है ताकि स्पेसक्राफ्ट धरती के गुरुत्वाकर्षण में प्रवेश कर सके।
तेज गर्मी और घर्षण का करेंगे सामना
कैप्सूल जैसे ही पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा, वह तेज गर्मी और घर्षण का सामना करेगा। इस समय कैप्सूल की गति लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जो उतरते-उतरते धीरे-धीरे कम होती जाती है। वायुमंडल में घुसने के बाद पहले छोटे और फिर मुख्य पैराशूट खुलते हैं, जिससे स्पेसक्राफ्ट की गति धीमी होती है। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित होती है।
समुद्र में होगी लैंडिंग
नासा के मुताबिक, अगर मौसम ठीक रहा, तो वे कैलिफोर्निया के समुद्र तट के पास पानी में उतरेंगे। क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अटलांटिक या गल्फ ऑफ मेक्सिको में समुद्र पर उतरता है। स्पेस एक्स की रिकवरी टीम तुरंत मौके पर पहुंचती है और कैप्सूल को जहाज पर लिफ्ट कर क्रू मेंबर्स को बाहर निकाला जाता है।
17 दिन अंतरिक्ष में रहे
एक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 17 दिन तक अंतरिक्ष में रहे। भारत के शुभांशु शुक्ला, मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की, हंगरी के कमांडर पैगी व्हिटसन और अमेरिकी की मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू 26 जून को शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को दोपहर 12 बजे एस्ट्रोनॉट रवाना हुए थे। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में इन्होंने कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी।