Sonipat : 23 साल पहले पैरोल पर बाहर निकला हत्यारोपी, बाबा बनकर छुपाई पहचान, अब पकड़ा

- गांव पिनाना में बीएसएफ जवान की पत्नी की हत्या के मामले में हुई थी उम्रकैद की सजा
- पैरोल पर आने के बाद भागा था करनाल, जहां बाबा का वेष बनाकर चला गया बिहार
- बिहार से पहुंचा पश्चिम बंगाल, जहां से असम में रह रहा था बाबा बनकर
Sonipat : गांव पिनाना में हुई महिला की हत्या करने के बाद पैरोल पर आकर भूमिगत हुए उद्घोषित अपराधी को गन्नौर क्राइम यूनिट ने गन्नौर के खेतों से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपित गांव पिनाना निवासी चेतराम उर्फ चेतू है। वह 23 साल पहले पैरोल पर आने के बाद भूमिगत हुआ था। आरोपित की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। आरोपी बाबा बनकर रह रहा था।
क्राइम यूनिट गन्नौर प्रभारी इंस्पेक्टर राजपाल सिंह ने बताया कि उन्हें 8 दिसंबर को जानकारी मिली कि सदर थाना सोनीपत क्षेत्र में 26 साल पहले हुई महिला केला की हत्या में दोषी करार दिया गया चेतराम असम में रह रहा है। आरोपित पर 25 हजार का इनाम है। जिस पर उन्होंने सीपी के साथ ही डीसीपी गौरव राजपुरोहित व एसीपी संदीप धनखड़ को अवगत कराया। उसके बाद आरोपी की तलाश शुरू कर दी। पुलिस को वीरवार को पता लगा कि आरोपित गन्नौर क्षेत्र में आया है। इस पर एसआई चांद सिंह व जगप्रीत की टीम बनाई गई। टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम ने आरोपी को सदर थाना सोनीपत पुलिस को सौंप दिया। उसे अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
बीएसएफ जवान की पत्नी केला की हत्या में हुई थी सजा
गांव पिनाना में सितंबर, 1997 में केला की हत्या की गई थी। केला के ससुर दुलीचंद ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे राजेंद्र बीएसएफ में हैं। बेटे की शादी गांव जागसी की केला के साथ 10 साल पहले हुई थी। घटना के दिन केला अपने ससुर के साथ खेत में पशुचारा लेने गई थी। खेत से लौटते समय उनकी धारदार हथियार से हत्या कर शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया था। मामले में दुलीचंद के बयान पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें पुलिस ने आरोपित चेतराम उर्फ चेतू को गिरफ्तार किया था। जिसने रंजिश में वारदात को अंजाम देना कबूल किया था। उसे अदालत ने मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसमें वह वर्ष 2000 में चार सप्ताह की पैरोल पर आने के बाद भूमिगत हो गया था।
बाबा बनकर छिपता रहा आरोपी
एसआई चांद सिंह ने बताया कि पुलिस की शुरूआती पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह सोनीपत से भागकर करनाल गया था। वहां पर बाबा के वस्त्र धारण कर लिए। इसके बाद बाबा बनकर छिपता रहा। यहां से वहा बिहार चला गया। वहां से पश्चिमी बंगाल और अब असम में रह रहा था। वह गन्नौर क्षेत्र में आया तो पुलिस ने पकड़ लिया।
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