ABS System: क्या है एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, जानें टू-व्हीलर्स के लिए क्यों है जरूरी?

क्या है एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, जानें टू-व्हीलर्स के लिए क्यों है जरूरी?
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ABS System: भारत में होने वाले कुल सड़क हादसों में लगभग 44% दुर्घटनाएं टू-व्हीलर्स से जुड़ी होती हैं। अगले साल अप्रैल से सभी दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा।

ABS System: सड़क सुरक्षा को मजबूरी प्रदान करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। 1 अप्रैल 2026 से देश में बिकने वाले सभी दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य कर दिया जाएगा। अब तक यह नियम केवल 125cc से ऊपर की बाइक और स्कूटर्स पर लागू था, लेकिन नए नियम के बाद एंट्री-लेवल मॉडल्स भी इस सुरक्षा फीचर के दायरे में आ जाएंगे।

सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?

भारत में होने वाले कुल सड़क हादसों में लगभग 44% दुर्घटनाएं टू-व्हीलर्स से संबंधित होती हैं। वहीं, बिकने वाले करीब 45% टू-व्हीलर्स की इंजन क्षमता 125cc से कम होती है। अभी तक इन वाहनों में केवल कॉम्बी-ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) दिया जाता था, जो ब्रेकिंग के दौरान आगे और पीछे दोनों पहियों को एकसाथ एक्टिव करता है। लेकिन ABS की तुलना में CBS कम प्रभावी होता है। सरकार का मानना है कि ABS लागू होने से सड़क हादसों में कमी आएगी और सवारी पहले से ज्यादा सुरक्षित होगी।

ऐसे काम करता है ABS?

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक एडवांस सेफ्टी फीचर है, जो अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में व्हील्स को लॉक होने से रोकता है। यह सिस्टम व्हील की स्पीड को सेंसर के जरिए लगातार मॉनिटर करता है। जब कोई राइडर अचानक ब्रेक लगाता है, तो ECU (Electronic Control Unit) ब्रेक प्रेशर को नियंत्रित करता है और ब्रेकिंग को छोटे-छोटे झटकों में वितरित करता है। इससे टायर सड़क पर फिसलते नहीं हैं, गाड़ी कंट्रोल में रहती है और ब्रेकिंग दूरी कम हो जाती है। खासतौर पर गीली या फिसलन भरी सड़कों पर ABS काफी मददगार होता है।

कौनसी गाड़ियों पर होगा लागू?

1 अप्रैल 2026 से सभी नए टू-व्हीलर्स में ABS देना अनिवार्य होगा, चाहे उनकी इंजन क्षमता कुछ भी हो। कुछ कंपनियों ने पहले से ही 125cc बाइक्स में यह फीचर देना शुरू कर दिया है। Hero Xtreme 125R भारत की सबसे सस्ती 125cc ABS मोटरसाइकिल है।

क्या होगा कीमत पर असर?

ABS सिस्टम को शामिल करने से टू-व्हीलर्स की कीमत में ₹5,000 से ₹7,000 तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि यह एक जरूरी खर्च है, जो आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। यह एक ऐसा सुरक्षा फीचर है जो सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा का भरोसा भी देता है। आने वाले वर्षों में यह कदम भारत की सड़कों को और अधिक सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

(मंजू कुमारी)

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