Diwali Special Story: भगवान राम के बिना की जाती है माता सीता की पूजा, जानें कहां मौजूद है ये मंदिर

Diwali Special Story: धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, त्रेता युग में भगवान श्रीराम जब लंकापति का वध कर कार्तिक अमावस्या के दिन माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटकर आए थे, तब से कार्तिक अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस साल दीपावली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसी जगह है, जहां पर भगवान राम नहीं बल्कि माता सीता की पूजा की जाती है। जानें इस जगह के बारे में पूरा विवरण....
निर्जन पहाड़ी पर विराजमान माता सीता
दुनियाभर के मंदिरों में भगवान राम और माता सीता की पूजा एक साथ की जाती है। वहीं भगवान राम और माता का नाम एक साथ लिया जाता है। हर कोई सिया राम-सिया राम का संबोधन करते हैं। शायद ही आपने सुना होगा कि एक मंदिर ऐसा है, जहां पर माता सीता की पूजा बिना राम के की जाती है। मध्य प्रदेश, अशोकनगर जिले के करीला में ये मंदिर स्थित है। निर्जन पहाड़ी पर बसे इस मंदिर में माता सीता अपने पुत्र लव और कुश के साथ विराजमान हैं।
करीला में जानकी मंदिर
मध्यप्रदेश में मौजूद करीला जगह कोई आम जगह नहीं है। इस जगह का इतिहास भगवान राम से जुड़ा हुआ है। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि जब लोगों की बात सुन भगवान राम ने माता सीता का त्याग कर दिया था, तब भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने माता सीता को करीला में स्थित निर्जन वन में छोड़कर चले गए थे। तब माता सीता ने अपना जीवन वन में स्थित महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में गुजारा था। यह वही जगह है, जहां लव और कुश ने श्री राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को पकड़कर बांध दिया था।
अम्मा मंदिर, श्री लंका
माता सीता का ऐसा ही मंदिर श्रीलंका में भी है, जहां माता सीता को अकेले पूजा जाता है। श्रीलंका में स्थित इस मंदिर को लोग अम्मा मंदिर के नाम से जानते हैं। यह वही जगह है, जहां पर माता सीता को कैद करके रखा गया था।
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